जब सफ़र की धूप में मुरझा के हम दो पल रुके By Sher << जंगलों में घूमते फिरते है... इन पर्बतों के बीच थी मस्त... >> जब सफ़र की धूप में मुरझा के हम दो पल रुके एक तन्हा पेड़ था मेरी तरह जलता हुआ Share on: