जंगलों में घूमते फिरते हैं शहरों के फ़क़ीह By Sher << खुल गया राज़ छुपी चाह का ... जब सफ़र की धूप में मुरझा ... >> जंगलों में घूमते फिरते हैं शहरों के फ़क़ीह क्या दरख़्तों से भी छिन जाएगा आलम वज्द का Share on: