जब ये माना कि दिल में डर है बहुत By Sher << ख़याल था कि ये पथराव रोक ... कैसे मानें कि उन्हें भूल ... >> जब ये माना कि दिल में डर है बहुत तब कहीं जा के दिल से डर निकला Share on: