जबीं पर ख़ाक है ये किस के दर की By Sher << करती है मुझे क़त्ल मिरे य... इक ये भी तो अंदाज़-ए-इलाज... >> जबीं पर ख़ाक है ये किस के दर की बलाएँ ले रहा हूँ अपने सर की Share on: