ज़ाहिर-परस्त ख़ल्क़ है ज़ाहिर दुरुस्त कर By Sher << इक ख़ूँ-चकाँ कफ़न में करो... ये घटा ऐसी घटा इतनी घटा >> ज़ाहिर-परस्त ख़ल्क़ है ज़ाहिर दुरुस्त कर कैसे सिफ़ात-ओ-ज़ात जो कुछ है लिबास है Share on: