ज़िक्र मेरा ही वो करता था सरीहन लेकिन By Sher << ज़िंदगी है या कोई तूफ़ान ... ज़ालिम जफ़ा जो चाहे सो कर... >> ज़िक्र मेरा ही वो करता था सरीहन लेकिन मैं ने पूछा तो कहा ख़ैर ये मज़कूर न था Share on: