ज़िंदगी और ज़िंदगी की यादगार By Sher << कहा था मैं ने खो कर भी तु... मैं जानता हूँ ये मुमकिन न... >> ज़िंदगी और ज़िंदगी की यादगार पर्दा और पर्दे पे कुछ परछाइयाँ Share on: