ज़िंदगी इश्क़-ओ-मोहब्बत से जवाँ होती है By Sher << बोलता हूँ तो मिरे होंट झु... भूल जोते हैं मुसाफ़िर रस्... >> ज़िंदगी इश्क़-ओ-मोहब्बत से जवाँ होती है वर्ना बे-कैफ़ सी बे-ताब-ओ-तवाँ होती है Share on: