ज़िंदगी कोह-ए-बे-सुतूँ गोया By Sher << क़ातिल तो सीना तान के चलत... चेहरे से झाड़ पिछले बरस क... >> ज़िंदगी कोह-ए-बे-सुतूँ गोया हर नफ़स एक तेशा-ए-फ़र्हाद Share on: