ज़िंदगी तेरी अता थी सो तिरे नाम की है By Sher << जाना पड़ा रक़ीब के दर पर ... साक़ी मिरा खिंचा था तो मै... >> ज़िंदगी तेरी अता थी सो तिरे नाम की है हम ने जैसे भी बसर की तिरा एहसाँ जानाँ Share on: