जैसे ख़ला के पस-मंज़र में रंग रंग के नक़्श-ओ-निगार By Sher << आज न जाने राज़ ये क्या है जाने किस की आस लगी है जान... >> जैसे ख़ला के पस-मंज़र में रंग रंग के नक़्श-ओ-निगार बातें उस की वज़्न से ख़ाली लहजा भारी-भरकम है Share on: