आज न जाने राज़ ये क्या है By Sher << सर-ए-ख़ार से सर-ए-संग से ... जैसे ख़ला के पस-मंज़र में... >> आज न जाने राज़ ये क्या है हिज्र की रात और इतनी रौशन Share on: