जैसे उस का कभी ये घर ही न था By Sher << नाला-ए-बुलबुल-ए-शैदा तो स... दिल्ली हुई है वीराँ सूने ... >> जैसे उस का कभी ये घर ही न था दिल में बरसों ख़ुशी नहीं आती Share on: