ज़ख़्म अभी तक ताज़ा हैं हर दाग़ सुलगता रहता है By Sher << दर्द हो तो दवा करे कोई इस दर्द का इलाज अजल के सि... >> ज़ख़्म अभी तक ताज़ा हैं हर दाग़ सुलगता रहता है सीने में इक जलियाँ-वाला-बाग़ सुलगता रहता है Share on: