'जलाल' अहद-ए-जवानी है दोगे दिल सौ बार By Sher << जिस ने कुछ एहसाँ किया इक ... इश्क़ की चोट का कुछ दिल प... >> 'जलाल' अहद-ए-जवानी है दोगे दिल सौ बार अभी की तौबा नहीं ए'तिबार के क़ाबिल Share on: