इश्क़ की चोट का कुछ दिल पे असर हो तो सही By Sher << 'जलाल' अहद-ए-जवान... गई थी कह के मैं लाती हूँ ... >> इश्क़ की चोट का कुछ दिल पे असर हो तो सही दर्द कम हो या ज़ियादा हो मगर हो तो सही Share on: