जाँ खपाते हैं ग़म-ए-इश्क़ में ख़ुश ख़ुश 'आली' By Sher << जो चश्म-ए-दिल-रुबा के वस्... हम शाएर-ए-हयात हैं हम शाए... >> जाँ खपाते हैं ग़म-ए-इश्क़ में ख़ुश ख़ुश 'आली' कैसी लज़्ज़त का ये आज़ार बनाया हुआ है Share on: