पीने से कर चुका था मैं तौबा मगर 'जलील' By Sher << न बंधे तिश्नगी-ए-ज़ौक़ के... जान जानी है मिरी ऐ बुत-ए-... >> पीने से कर चुका था मैं तौबा मगर 'जलील' बादल का रंग देख के नीयत बदल गई Share on: