जलूँगा मैं कि दिल उस बुत का ग़ैर पर आया By Sher << रफ़्ता रफ़्ता लफ़्ज़ गूँग... ये काएनात आज भी मंसूब आप ... >> जलूँगा मैं कि दिल उस बुत का ग़ैर पर आया उड़ेगी आग कि पत्थर गिरा है पत्थर पर Share on: