ये काएनात आज भी मंसूब आप से By Sher << जलूँगा मैं कि दिल उस बुत ... अब मिरा दर्द मरी जान हुआ ... >> ये काएनात आज भी मंसूब आप से ये काएनात आज भी जागीर आप की Share on: