जल्वा ओ दिल में फ़र्क़ नहीं जल्वे को ही अब दिल कहते हैं By Sher << ज़िंदगी वक़्त के सफ़्हों ... झिलमिलाते रहे वो ख़्वाब ज... >> जल्वा ओ दिल में फ़र्क़ नहीं जल्वे को ही अब दिल कहते हैं यानी इश्क़ की हस्ती का आग़ाज़ तो है अंजाम नहीं Share on: