जल्वा बे-बाक अदा शोख़ तमाशा गुस्ताख़ By Sher << ये बात कह के हुआ नाख़ुदा ... आह मर्ग-ए-आदमी पर आदमी रो... >> जल्वा बे-बाक अदा शोख़ तमाशा गुस्ताख़ उठ गए बज़्म से आदाब-ए-नज़र मेरे बाद Share on: