जामा-ए-सुर्ख़ तिरा देख के गुल By Sher << शिकवा सुन कर जो मिज़ाज-ए-... रात हिस्सा है मिरी उम्र क... >> जामा-ए-सुर्ख़ तिरा देख के गुल पैरहन अपना क़बा करते हैं Share on: