कुंज-ए-क़फ़स ही जिस का मुक़द्दर हुआ 'जमील' By Sher << सारी दुनिया को जीतने वाला दम-ब-दम उठती हैं किस याद ... >> कुंज-ए-क़फ़स ही जिस का मुक़द्दर हुआ 'जमील' उस की नज़र में दौर-ए-ख़िज़ाँ क्या बहार क्या Share on: