ज़मीं के ज़ख़्म समुंदर तो भर न पाएगा By Sher << हाँ उन्हीं लोगों से दुनिय... इक कर्ब का मौसम है जो दाइ... >> ज़मीं के ज़ख़्म समुंदर तो भर न पाएगा ये काम दीदा-ए-तर तुझ को सौंपना होगा Share on: