इक कर्ब का मौसम है जो दाइम है अभी तक By Sher << ज़मीं के ज़ख़्म समुंदर तो... ख़ाक थी और जिस्म ओ जाँ कह... >> इक कर्ब का मौसम है जो दाइम है अभी तक इक हिज्र का क़िस्सा कि मुकम्मल नहीं होता Share on: