ज़मीं को ऐ ख़ुदा वो ज़लज़ला दे By Sher << दर कुंज-ए-सदा-बंद का खोले... कुछ देर फ़िक्र आलम-ए-बाला... >> ज़मीं को ऐ ख़ुदा वो ज़लज़ला दे निशाँ तक सरहदों के जो मिटा दे Share on: