जाने क्यूँ हम से न ये ख़ाली मकाँ देखा गया By Sher << है शादाब नफ़रत का जंगल बह... बुलंदियाँ आसमाँ की सूरत ज... >> जाने क्यूँ हम से न ये ख़ाली मकाँ देखा गया यूँ तो इस हम-साएगी से आज तक बेगाना थे Share on: