ज़रा जो फ़ुर्सत-ए-नज़्ज़ारगी मयस्सर हो By Sher << दिल कि यक क़तरा ख़ूँ नहीं... बहार आई कि दिन होली के आए >> ज़रा जो फ़ुर्सत-ए-नज़्ज़ारगी मयस्सर हो तो एक पल में भी क्या क्या है देखने के लिए Share on: