ज़रा जो हम ने उन्हें आज मेहरबाँ देखा By Sher << मैं गुल-ए-ख़ुश्क हूँ लम्ह... राएगाँ वस्ल में भी वक़्त ... >> ज़रा जो हम ने उन्हें आज मेहरबाँ देखा न हम से पूछिए क्या रंग-ए-आसमाँ देखा Share on: