ज़रा ठहरो कि पढ़ लूँ क्या लिखा मौसम की बारिश ने By Sher << 'फ़रहत' सुनाऊँ कि... हौसला सब ने बढ़ाया है मिर... >> ज़रा ठहरो कि पढ़ लूँ क्या लिखा मौसम की बारिश ने मिरी दीवार पर लिखती रही है दास्ताँ वो भी Share on: