जश्न होता है वहाँ रात ढले By Sher << आप का इख़्तियार है सब पर ख़ूब-रू आश्ना हैं 'फ़... >> जश्न होता है वहाँ रात ढले वो जो इक ख़ाली मकाँ है मुझ में Share on: