जाता है मिरा जान निपट प्यास लगी है By Sher << तिरी सदा का है सदियों से ... कभी लिबास कभी बाल देखने व... >> जाता है मिरा जान निपट प्यास लगी है मंगता हूँ ज़रा शर्बत-ए-दीदार किसी का Share on: