झाँकता भी नहीं सूरज मिरे घर के अंदर By Sher << तेरी ख़बर मिल जाती थी ले आएगा इक रोज़ गुल ओ बर्... >> झाँकता भी नहीं सूरज मिरे घर के अंदर बंद भी कोई दरीचा नहीं रहने देता Share on: