झलक थी या कोई ख़ुशबू-ए-ख़द्द-ओ-ख़ाल थी वो By Sher << क्यूँ पशेमाँ हो अगर वअ... बिखरे हुए थे लोग ख़ुद अपन... >> झलक थी या कोई ख़ुशबू-ए-ख़द्द-ओ-ख़ाल थी वो चली गई तो मिरे आस पास रहने लगी Share on: