जीने वाले क़ज़ा से डरते हैं By Sher << सियाही फेरती जाती हैं रात... सर्दी भी ख़त्म हो गई बरसा... >> जीने वाले क़ज़ा से डरते हैं ज़हर पी कर दवा से डरते हैं Share on: