जिंस-ए-हुनर मज़ाक़-ए-ख़रीदार देख कर By Sher << कहीं रुस्वा न हों रंगीनिय... ग़म-ए-मोहब्बत में दिल के ... >> जिंस-ए-हुनर मज़ाक़-ए-ख़रीदार देख कर ख़ुद बे-नियाज़ चश्म-ए-ख़रीदार हो गई Share on: