कहीं रुस्वा न हों रंगीनियाँ दर्द-ए-मोहब्बत की By Sher << ख़ुदा मुझ को तुझ से ही मह... जिंस-ए-हुनर मज़ाक़-ए-ख़री... >> कहीं रुस्वा न हों रंगीनियाँ दर्द-ए-मोहब्बत की मिरा इतना ख़याल ऐ दीदा-ए-ख़ूँ-बार कर लेना Share on: