जिस ग़ुंचा-लब को छेड़ दिया ख़ंदा-ज़न हुआ By Sher << ख़ुदा ने गढ़ तो दिया आलम-... नहीं अब कोई ख़्वाब ऐसा ति... >> जिस ग़ुंचा-लब को छेड़ दिया ख़ंदा-ज़न हुआ जिस गुल पे हम ने रंग जमाया चमन हुआ Share on: