जिस क़दर नीचे उतरता हूँ मैं By Sher << कब धूप चली शाम ढली किस को... हवा में ख़ुशबुएँ मेरी पहच... >> जिस क़दर नीचे उतरता हूँ मैं झील भी गहरी हुई जाती है Share on: