हवा में ख़ुशबुएँ मेरी पहचान बन गई थीं By Sher << जिस क़दर नीचे उतरता हूँ म... हमें ख़बर है कोई हम-सफ़र ... >> हवा में ख़ुशबुएँ मेरी पहचान बन गई थीं मैं अपनी मिट्टी से फूल बन कर उभर रहा था Share on: