जिस में इंसानियत नहीं रहती By Sher << इश्क़ को दीजिए जुनूँ में ... जो अक़्ल से बदन को मिली थ... >> जिस में इंसानियत नहीं रहती हम दरिंदे हैं ऐसे जंगल के Share on: