जो अक़्ल से बदन को मिली थी, वो थी हवस By Sher << जिस में इंसानियत नहीं रहत... आओ तजदीद-ए-वफ़ा फिर से कर... >> जो अक़्ल से बदन को मिली थी, वो थी हवस जो रूह को जुनूँ से मिला है, ये इश्क़ है Share on: