जिसे न मेरी उदासी का कुछ ख़याल आया By Sher << ज़मीन की कोख ही ज़ख़्मी न... फ़लक पे चाँद सितारे निकलन... >> जिसे न मेरी उदासी का कुछ ख़याल आया मैं उस के हुस्न पे इक रोज़ ख़ाक डाल आया Share on: