जीतने मारका-ए-दिल वो लगातार गया By Sher << ज़ख़्म रिसने लगा है फिर श... बंद कर ले खिड़कियाँ यूँ र... >> जीतने मारका-ए-दिल वो लगातार गया जिस घड़ी फ़त्ह का ऐलान हुआ हार गया Share on: