जो बार-ए-दोश रहा सर वो कब था शोरीदा By Sher << हाथ पत्थर से हो गए मानूस आबाद अगर न दिल हो तो बरबा... >> जो बार-ए-दोश रहा सर वो कब था शोरीदा बहा न जिस से लहू वो रग-ए-गुलू क्या थी Share on: