जो ज़ख़्म दोस्तों ने दिए हैं वो छुप तो जाएँ By Sher << इक़रार-ए-मोहब्बत तो बड़ी ... फ़िराक़ बिछड़ी हुई ख़ुशबु... >> जो ज़ख़्म दोस्तों ने दिए हैं वो छुप तो जाएँ पर दुश्मनों की सम्त से पत्थर कोई तो आए Share on: