जो कुछ था न कहने का सब कह गया दीवाना By Sher << बहार आई कि दिन होली के आए मरकज़ पे अपने धूप सिमटती ... >> जो कुछ था न कहने का सब कह गया दीवाना समझो तो मुकम्मल है अब इश्क़ का अफ़्साना Share on: