जो मुँह से कहते हैं कुछ और करते हैं कुछ और By Sher << उड़ाई ख़ाक जिस सहरा में त... हमीं से रंग-ए-गुलिस्ताँ ह... >> जो मुँह से कहते हैं कुछ और करते हैं कुछ और वही ज़माना में कुछ इख़्तियार रखते हैं Share on: