उड़ाई ख़ाक जिस सहरा में तेरे वास्ते मैं ने By Sher << देखे हुए से लगते हैं रस्त... जो मुँह से कहते हैं कुछ औ... >> उड़ाई ख़ाक जिस सहरा में तेरे वास्ते मैं ने थका-माँदा मिला इन मंज़िलों में आसमाँ मुझ को Share on: